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नीरजा भनोट

नीरजा भनोट मुंबई में पैन एम एयरलाइन्स (Pan Am Airlines) की विमान परिचारिका थीं। 5 सितंबर 1986 के मुम्बई से न्यूयॉर्क जा रहे पैन एम फ्लाइट 73 के अपहृत विमान में यात्रियों की सहायता एवं सुरक्षा करते हुए वे आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गईं थीं। उनकी बहादुरी के लिये मरणोपरांत उन्हें भारत सरकार ने अपने सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया और साथ ही पाकिस्तान सरकार और अमरीकी सरकार ने भी उन्हें इस वीरता के लिये सम्मानित किया है।

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नौकरी कब मिलेगी ?

शास्त्रों के अनुसार ग्रहों का मानव शरीर पर किसी न किसी रूप में प्रभाव पड़ते हैं। ये प्रभाव प्रतिकूल या अनुकूल हो सकते हैं। मानव की सभी क्रियाएं, कमोबेश, इन ग्रहों के द्वारा संचालित होती हैं। नौ ग्रहों में किस ग्रह की महादशा और अंतर्दशा में नौकरी मिलेगी इसका विस्तृत विवरण यहां प्रस्तुत है।

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नौशाद

आज हम बात कर रहे हैं फिल्म संगीत के स्वर्णिम युग की ऊंचाइयों को छूने वाले गीतकार नौशाद साहब की। मरियम बानो और वाहिद अली के तीन बेटों और एक बेटी में नौशाद साहब बीच के थे। लखनऊ के राॅयल थियेटर के पास वाले घर में ही उनका जन्म हुआ जैसे उनका भविष्य उनके जन्म के साथ ही तय हो गया हो। नौशाद साहब घर से निकलते थे स्कूल जाने के लिए और पहुंच जाते थे राॅयल थियेटर में चलने वाली मूक फिल्में देखने।

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पंच पक्षी से वैवाहिक मिलान

वर एवं कन्या के बीच सामंजस्य के मिलान की अनेक पद्धतियां भारत के अलग-अलग हिस्सों में प्रचलित रही हैं। वर एवं कन्या का दांपत्य जीवन सुखी एवं समृद्ध हो इसके लिए अलग-अलग तरीकों से दोनों के स्वभाव, आगामी जीवन, आपसी संबंध, प्रेम एवं सौहार्द आदि का आकलन करने की प्रथा रही है। दक्षिण भारत में पंच पक्षी वर्गकूट मिलान को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। सुखी गार्हस्थ्य जीवन में प्रेम का पौधा पुष्पित-पल्लवित होता रहे इसके लिए विवाह पूर्व वर एवं कन्या के बीच सामंजस्य की जांच करना आवश्यक है। पंचपक्षी पद्धति से भी यदि भावी वर एवं कन्या के बीच सामंजस्य का विचार किया जाता है तो यह काफी प्रभावी साबित हुआ है।

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पंचांग - सुधार आवश्यक क्यों?

इस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अंतर्गत तीर्थराज कैलाश मानसरोवर का रोचक वर्णन किया गया है।

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पंचांग इतिहास - विकास - गणना विधि

इस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अंतर्गत तीर्थराज कैलाश मानसरोवर का रोचक वर्णन किया गया है।