आजीविका चयन का ज्योतिष में प्राचीन और सर्वमान्य नियम यह है की कर्मेश / दशमेश जिस ग्रह के नवांश घर में हो उस ग्रह के गुण धर्म के अनुसार व्यक्ति की आजीविका होगी। इसके अतिरिक्त ज्योतिष ग्रंथों और वृहत संहिता खंड एक के अनुसार १५ में उल्लेख के अनुसार जन्म नक्षत्र और कर्म नक्षत्र के अनुसार आजीविका, व्यापार या सर्विस चुनने में सफलता जल्दी मिलती हैं।
बी.एल शर्मा | 01-Jan-2014
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जब नाक से खून बहने लगता है तो इसी अवस्था को नकसीर कहते हैं। नकसीर विशेष कर गर्मियों के मौसम में होती है। गर्मियों के दिनों में गर्मी के कारण धमनियों पर अधिक दबाव पड़ने से नाक से खून बहने लगता है। कई बार बहने वाले रक्त की मात्रा से आम आदमी घबरा जाता है और सोचता है कि ऐसे में क्या करें?
अविनाश सिंह | 15-Jun-2016
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नाक से खून बहने की अवस्था को नकसीर कहते हैं। कई बार ग्रीष्म ऋतु में यह बच्चों बड़ों को समान रूप से प्रभावित करती है। नकसीर के ज्योतिषीय कारण व उपचार पिढ़ए इस लेख में ...
अविनाश सिंह | 01-Jan-2014
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नजला-जुकाम शीत के कारण होने वाला एक ऐसा रोग है, जिसमें से पानी बहने लगता है। मामूली-सा दिखने वाला यह रोग, कफ की अधिकता के कारण अधिक कष्टदायक हो जाता है। यों तो ऋतु आदि के प्रभाव से दोष संचय काल में संचित हो कर अपने प्रकोप
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आम तौर पर हर एक व्यक्ति नजला-जुकाम रोग से कभी न कभी प्रभावित होता ही है। मामूली-सा दिखने वाला यह रोग कभी-कभी कष्टदायक हो जाता है। ऐसे में नजला-जुकाम से कैसे राहत मिले, पढ़िए इस लेख में।
अविनाश सिंह | 15-Dec-2016
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गृह प्रवेश करते समय शुभ मुहूर्त निकलवाना बेहद जरूरी होता है। अन्यथा जीवन भर की जमापंूजी से बनाया गया मकान शुभ नहीं हो पाता। इस आलेख में गृह प्रवेश मुहूर्त का विस्तृत विधान दिया गया है...
राजेंद्र कुमार मिश्र | 01-Jan-2014
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आँखें प्रकृति की वह अनमोल देन हैं जिसके माध्यम से हम प्राकृतिक सुंदरता एवं रंगीनियत को निहार सकते हैं। किसी ने सही कहा है कि ‘‘आंखे हैं तो जहान है’’ अन्यथा चारों ओर अंधकार है। इन आंखों को स्वस्थ और इनकी ज्योति को बनाए रखने के लिए हमें सर्वदा सचेत रहना चाहिए।
अविनाश सिंह | 15-Sep-2015
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नाडी ज्योतिष के संबंध में कहा जता है की जब मां पार्वती मनुष्य के साथ होने वाली घटनाओं के वृतांत को जानने के लिए हठ योग में आ गईं। तब भगवान शिव रात्रिकालीन सुनसान बेला में इस वृत्तांत का बखान कर रहे थे। तब शिव-निवास के प्रहरी नंदी ने इसे सुन लिया
फ्यूचर समाचार | 01-Jan-2014
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‘‘नैन अंतःकरण के झरोखे होते हैं। आशय है कि नैनों में झांक कर मानव की आंतरिक स्थिति की पूर्ण जानकारी सुगमता से पाई जा सकती है। यह भी कहा गया है कि छिपाये छिप नहीं सकती, किसी की दिल की बेताबी। ये आंखें ही हैं जो सब कुछ बता सकती हैं। निःसंदेह यह उक्ति बहुत ही तथ्यपूर्ण है। नैनों के द्वारा आंतरिक स्थिति का जितना परिचय प्राप्त किया जा सकता है, उतना अन्य किसी अंग से नहीं किया जा सकता।
ओम प्रकाश दार्शनिक | 15-Apr-2016
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पत्रिका के आधार पर फल कथन हेतु मुख्यतः सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु को ही व्यवहार में लिया जाता है। किंतु वर्तमान में हर्षल, नेप्च्यून तथा प्लूटो नामक 3 अन्य ग्रहों का भी समावेश इनमें किया गया है। तदनुसार फलित कथन और भी सुस्पष्ट तथा सटीक हो जाता है। नेप्च्यून, हर्षल तथा प्लूटो से संबंधित कुछ सरल योगों का वर्णन नीचे किया जा रहा है:
उमेश पाण्डे | 01-Jan-2014
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प्रत्येक मनुष्य जीवन में अनेक प्रकार के नए सपने देखता है और नई उमंगों, आकांक्षाओं और आशाओं के साथ जीवन पथ पर खुशियां हासिल करने के लिए प्रयास करता है
आभा बंसल | 01-Jan-2014
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रुचिका गिरहोत्रा और अनुराधा गुप्ता की दोस्ती की मिसाल आज हर व्यक्ति की जबान पर है। 19 वर्ष बाद जो न्याय रुचिका के पिता और भाई की मौत के बाद मिला है,
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