आप कोई भी हों, स्त्री या पुरुष राजनीतिज्ञ, व्यापारी, कर्मचारी अथवा समाज सेवक या कुछ और
.. ! कुछ भी कार्य करते हों आपका संबंध अपने जैसे पुरुष अथवा स्त्री से पड़ना स्वाभाविक है।
यदि आपको उन्हें देखकर ही उनके आचार व्यवहार का आभास हो जाय तो आपको उनको समझने में
सहजता प्राप्त होगी और उनके साथ संबंध की सीमा निर्धारित करने में मदद मिलेगी। इसी परिप्रेक्ष्य
में मुखाकृति के प्रमुख अंग-नाक की शरीर वैज्ञानिकता के साथ स्वभाव का फलादेश प्रस्तुत है।
भगवान सहाय श्रीवास्तव | 15-Apr-2016
Views: 9237