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नववर्ष 2016 मंगलकारी कैसे हो

नववर्ष आने से पहले ही हमारे मन में विचार आने लगते हैं कि आने वाला नववर्ष हमारे लिये कैसा होगा, ग्रहों व नक्षत्रों का प्रभाव हम पर किस प्रकार का होगा, कहीं नव वर्ष हमारे लिये अशुभ तो नहीं रहेगा। हम क्या उपाय करें कि नववर्ष हमारे लिये मंगलकारी हो। नये साल में हमें अनेक विपदाओं का भी सामना करना पड़ सकता है। ग्रह व नक्षत्र तो शुभ व अशुभ दोनांे प्रकार के फल देंगे परंतु अशुभता को हम अपने जीवन में कैसे स्थान दे सकते हैं। शुभता तो हम सभी को स्वीकार्य है जबकि अशुभता व परेशानियों से बचने की हम सभी कोशिश करते हैं। किसी को तो सफलता मिल जाती है परंतु अधिकांश उचित उपाय ढूंढ़ते ही रह जाते हैं। आईये हम जानते हैं कि नववर्ष 2016 में शुभता में वृद्धि व अशुभता का नाश किन उपायों से किया जा सकता है।

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नववर्ष 2017

26 जनवरी 2017 को शनि धनु राशि में गोचर करेंगे, 6 अप्रैल को वक्री होकर 21 जून को वृश्चिक राशि में जाएंगे तथा 25 अगस्त को मार्गी होकर 26 अक्तूबर को पुनः धनु राशि में लौटेंगे। गुरु 12 सितंबर तक कन्या राशि में रहेंगे तत्पश्चात तुला राशि में गोचर करेंगे। 6 फरवरी को गुरु वक्री होंगे और 9 जून को मार्गी हो जाएंगे। राहु 9 सितंबर को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।

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नववर्ष की शुभकामनाएं

2016 में पूरे वर्ष शनि वृश्चिक राशि में रहेंगे। गुरु 14 जुलाई को सिंह से कन्या में आएंगे एवं राहु 9 जनवरी को सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। सभी महत्वपूर्ण ग्रहों का प्रभाव सिंह राशि में होने से राजनीतिज्ञ दूरदर्शिता से कार्य करेंगे तथा प्रगतिवाद की राजनीति करेंगे। शनि मंगल की वृश्चिक राशि में युति के फलस्वरूप आतंकवाद शिखर पर रहेगा। राहु, शनि व गुरु इन तीनों के सिंह राशि पर प्रभाव के चलते सभी राष्ट्रों के राजनयिक आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुटता भी दिखाएंगे।

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नाभि चढ़ना : एक वास्तविक समस्या

शिशु रूप में जब मानव गर्भावस्था में होता है, तब नाभि ही एकमात्र वह मार्ग होता है, जिसके माध्यम से वह अपनी सभी महत्वपूर्ण क्रियाओं, जैसे सांस लेना, पोषक तत्वों को ग्रहण करना तथा व्यर्थ और हानिकारक पदार्थों का निष्कासन करता हहै। जन्मोपरांत शिशु के गर्भ से बाहर आते ही सबसे पहला कार्य

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नारद पुराण के अनुसार विवाह मुहूर्त

पुराण ज्ञान राशि का भंडार है और मनुष्य जीवन का सच्चा साथी है। भगवान नारायण ने ही इस भूमंडल पर व्यास जी के रूप में अवतार लेकर लोगों के कल्याण के लिए 18 पुराणों की रचना की थी। नारद पुराण 18 पुराणों में से एक पुराण है। यह स्वयं महर्षि नारद के मुख से कहा गया कि हमें महर्षि व्यास द्वारा लिखा गया है। इस पुराण के विषय में कहा जाता है कि इसका श्रवण करने से पापी व्यक्ति भी पाप मुक्त हो जाते हैं। इस पुराण में विवाह मुहूर्त का निर्धारण करने हेतु शुद्धियों और दोषों की विस्तृत जानकारी दी गई है। आज हम यहां आपको यही जानकारी दे रहे हैं।

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नीतीश कुमार - बिहार के सुशासन बाबू

नीतीश कुमार जी अपने राजनैतिक जीवन में समय-समय पर अपने किये हुए अचानक निर्णय से सभी को अचंभित करते रहे हैं। जहां पहले वे माननीय मोदी जी के खिलाफ रहा करते थे वहीं कुछ समय से वे मोदी जी के सभी निर्णय की काफी तारीफ कर रहे थे। पहले मोदी जी के नोटबंदी के फैसले को समर्थन देकर उन्होंने पूरे देश को चैंका दिया और अब 27 जुलाई को लालू यादव के बेटे तेजस्वी को लेकर आर. जे. डी.- जे. डी. यू. के बीच हुई लंबी तकरार के बाद उन्होंने 20 महीने पुरानी महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और दूसरे दिन ही बी. जेपी. के समर्थन से दोबारा सरकार बनाकर फिर से बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हो गये। यही है नीतीश जी का काम करने का तरीका।