संतान का सुख मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा सुख है। शास्त्रानुसार पुत्र-संतान के
बिना दंपत्ति की सद्गति नहीं होती। विवाह का एक प्रमुख उद्देश्य संतान प्राप्ति भी है।
संतान ही वंश को आगे बढ़ाती है तथा सामाजिक व सांस्कृतिक चक्र को निरंतर बनाए
रखती है। संतान का अभाव दांपत्य जीवन के कष्टप्रद होने का एक प्रमुख कारण है।
संसार का प्रत्येक स्त्री-पुरूष संतान उत्पन्न कर तथा उसका पालन-पोषण कर अपने
ऋण से मुक्त होने की अभिलाषा रखता है।
राजेंद्र कुमार शर्मा | 15-Oct-2014
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