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सर्प दोष विचार

सर्प की हत्या करने से यह दोष लगता है जिससे जातक संतानहीन होता हैं। शास्त्रों एवं पुराणों में भी सर्प की ह्त्या स्वयं करना या किसी दूसरे से करवाना पाप कर्म माना गया हैं। इस पाप के कारण जातक का वंश नष्ट हो जाता हैं। क्योंकि पुत्रोत्पति के साथ इस प्रकार की सर्प हत्याओं का सम्बन्ध होता हैं।

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सूर्य की किरणों से उपचार

शरीर को निरोगी रखने में सूर्य की किरणों का महत्वपूर्ण योगदान है। इन किरणों में ऐसी जीवन शक्ति विद्यमान होती है जिससे कई रोगों की जडें़ पनपने ही नहीं पातीं। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार इन किरणों में विटामिन ‘डी’ पाया जाता है। पेड़-पौधों में दिखाई देने वाली हरियाली भी इन्हीं की देन है। विभिन्न रोगों के उपचार में सूर्य की किरणें किस प्रकार सहायक होती हैं, आइए जानें...

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सूर्य-शनि युति फलादेश

जन्मकुंडली में दो या अधिक ग्रहों के आपसी संबंध को ‘योग’ कहते हैं। इन संबंधों में ‘युति’ का अंतिम (चैथा) स्थान है। ग्रह योग पिछले जन्म के अच्छे-बुरे कर्मफल अनुसार बनते हैं जिसकी अनुभूति उन ग्रहों की दशा भुक्ति में जातक को होती है। इस लेख में सूर्य और शनि, दो विपरीत स्वभाव और कारकत्व वाले ग्रहांे की युति का फलादेश प्रस्तुत है।

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सर्वोत्तम माह: पुरूषोत्तम मास

श्री विक्रम संवत् 2072 में आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से आषाढ़ कृष्ण अमावस्या तक अर्थात् 17 जून से 16 जुलाई सन् 2015 तक अधिक मास रहेगा। अधिक मास क्यों होता है और कब पड़ता है, आइये इसे समझें। वे महीने शुद्ध कहलाते हैं, जिनमें सूर्य की संक्रांति होती है। किंतु जिस चंद्रमास में सूर्य की संक्रांति अर्थात राशि परिवर्तन नहीं होता, वह मास अधिक मास कहलाता है। इस वर्ष आषाढ़ मास में (17 जून से 15 जुलाई तक) सूर्य संक्रांति न होने के कारण प्रथम आषाढ़ मास अधिक मास या मलमास कहलायेगा।

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सरस्वती यंत्र से विद्या प्राप्ति

वैदिक ज्योतिष हजारों सालों से भी सरस्वती यंत्र का प्रयोग विद्या प्राप्ति के लिए तथा अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त करने के लिए करता रहा है तथा आज भी श्री सरस्वती यंत्र के विधिवत प्रयोग से अनेक प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण की जा सकती हैं। श्री सरस्वती यंत्र के साथ की जाने वाली मां सरस्वती की पूजा के साथ-साथ श्री सरस्वती यंत्र का प्रयोग करना विशेष लाभकारी रहता है।