सर्प की हत्या करने से यह दोष लगता है जिससे जातक संतानहीन होता हैं। शास्त्रों एवं पुराणों में भी सर्प की ह्त्या स्वयं करना या किसी दूसरे से करवाना पाप कर्म माना गया हैं। इस पाप के कारण जातक का वंश नष्ट हो जाता हैं। क्योंकि पुत्रोत्पति के साथ इस प्रकार की सर्प हत्याओं का सम्बन्ध होता हैं।
राजेंद्र कुमार जोशी | 01-Jan-2014
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