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सफल रहेगा अभिषेक और ऐश्वर्य का विवाह

अभिषेक और ऐश्वर्य का विवाह होने की चर्चा जोरों पर है। ज्ञातव्य है कि दोनों के विवाह की चर्चा पूर्व में भी जोरों पर थी जब ऐश्वर्य का विवाह विवेक ओबेराय और अभिषेक का करिश्मा के साथ होने वाला था। इस बार दोनों परिणय सूत्र में बंध पाएंगे या नहीं आइए जानें ...

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सफल व्यापारी योग

करियर परिचर्चा लेख शृंखला की इस कड़ी में ‘‘सफल व्यापारी योग’’ विषय पर चर्चा की जा रही है जिससे आप यह जान सकेंगे कि किस प्रकार के ग्रह योग जातक को व्यापार में सफलता दिला सकते हैं। जो लोग ज्योतिष नहीं जानते वे जान सकेंगे कि व्यक्ति स्वयं कुछ नहीं करता अपितु ग्रह योग ही उसे एक विशेष दिशा की ओर अग्रसर कर देते हैं व जो ज्योतिष सीख रहे हैं वे विभिन्न ग्रहयोगों के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे और जो ज्योतिष जानते हैं उनके लिए यह आलेख एक पुनराभ्यास का कार्य करेगा।

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सफल शिक्षक बनने के ग्रह योग

शिक्षक का हमारे समाज में महत्वपूर्ण स्थान होता है। किसी भी छात्र को योग्य बनाने व उसको शारीरिक व मानसिक तौर पर सक्षम बनाने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। जैसा कि हमारे शास्त्रों में विदित है माता-पिता के पश्चात वह गुरु ही है जो छात्र का मार्गदर्शन करके उसको भविष्य के लिए तैयार करता है जिससे वह भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सके व उसे सफलता प्राप्त हो सके। अतः गुरु का स्थान देवता से पूर्व कहा गया है।

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सफलता की गारंटी ‘‘शुभ मुहूर्त’’ पाना मुश्किल नहीं है

मुहूर्त की गणना उन लोगों के लिए भी लाभदायक है जो अपना जन्म विवरण नहीं जानते। ऐसे लोग शुभ मुहूर्त की मदद से अपने प्रत्येक कार्य में सफल होते देखे गए हैं। दैनिक जीवन में शुभ कार्यों के लिए सरल शुभ मुहूर्त का विचार निम्न प्रकार से किया जाना चाहिए

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सुमति की कुमति

शास्त्रों के अनुसार धर्म शास्त्रों के अनुसार धर्म के मार्ग का अनुसरण करना ही उचित है। परिस्थितियों के वश में परिस्थितियों के वश में परिस्थितियों के वश में होकर अधर्म के मार्ग होकर अधर्म के मार्ग होकर अधर्म के मार्ग पर चलना हमारे हिंदू पर चलना हमारे हिंदू पर चलना हमारे हिंदू समाज में मान्य नहीं समाज में मान्य नहीं समाज में मान्य नहीं है। अपने शारीरिक एवं है। अपने शारीरिक एवं है। अपने शारीरिक एवं मानसिक सुख को मानसिक सुख को मानसिक सुख को अहमियत देना अथवा अपने परिवार एवं अपने परिवार एवं अपने परिवार एवं समाज की खातिर उसे समाज की खातिर उसे समाज की खातिर उसे गौण रखना हर इन्सान का अपना निर्णय है। लेकिन इस निर्णय की नजाकत एवं निर्णय की नजाकत एवं निर्णय की नजाकत एवं अहमियत को अहमियत को अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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समृद्धि और दरिद्रता के ज्योतिषीय सूत्र

भारतीय संस्कृति धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्षरूपी पुरूषार्थ प्राप्ति को ही अपना ध्येय मानती रही है। इनमें से भी अर्थ तथा काम के प्रति मानव मस्तिष्क का आकर्षण सर्वविदित है। इस लौकिक जगत में शायद ही ऐसा कोई मनुष्य हो जो अर्थप्राप्ति के प्रति आकृष्ट न हो। प्रश्न यह नहीं है कि धन अथवा लक्ष्मी की इच्छा कौन करता है, महत्वपूर्ण बात तो यह है कि लक्ष्मी किसका वरण करती हैं। यह समस्त विश्व द्वन्द्वमय है। सुख-दुःख, लाभ-हानि, ऐश्वर्य-दारिद्र्य आदि का अस्तित्व इस सिद्धान्त की सत्ता का समर्थन करने के लिए पर्याप्त है।