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सुखी वैवाहिक जीवन के ज्योतिषीय सूत्र

कुंडली का प्रथम भाव स्वयं जातक, तथा सप्तम भाव जीवन साथी व वैवाहिक जीवन, दर्शाता है। अतः गुण मिलान के बाद लग्न व सप्तम भाव व भावेशों का बलवान होना और उनकी पारस्परिक शुभ स्थिति, तथा उन पर शुभ ग्रहों के प्रभाव का विचार करना सुखी वैवाहिक जीवन के लिये परम आवश्यक होता है।

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सचिन तेंदुलकर

क्रिकेट की बात हो और सचिन तेंदुलकर का नाम न आए ऐसा कैसे हो सकता है, जी हां ‘‘सचिन रमेश तेंदुलकर’’। सचिन ने क्रिकेट जगत में सफलता के जो कीर्तिमान स्थापित किये, उसके पीछे उनके अथक परिश्रम का हाथ था जो कि मात्र 11 वर्ष की छोटी सी आयु से प्रारंभ हुआ था। जिस उम्र में बच्चे दोस्तों के साथ खेल-कूद में मजे लेते हैं, उस उम्र में सचिन टेनिस बाॅल से बैटिंग की प्रैक्टिस करते थे।

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स्तन कैंसर

महिलाओं को होने वाले रोगों में सबसे भयंकर रोग स्तन कैंसर है, जो बड़ी उम्र की महिलाओं में अधिक पाया जाता है। इस रोग की प्रारंभिक अवस्था में वक्ष में एक छोटी सी गांठ होती है। यह धीरे-धीरे बढ़ती है। यदि समय रहते प्रारंभिक अवस्था में ही स्तन कैंसर के लक्षण का पता चल जाये तो ऐसे रोग से बचा जा सकता है।

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स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाला एक भयंकर रोग

महिलाओं में पाए जाने वाले सबसे खतरनाक रोग स्तन कैंसर के बारे में पूर्व जानकारी इस रोग के प्रारंभिक अवस्था में ही कैसे प्राप्त की जा सकती है और रोगी को कालग्रसित होने से आसानी से बचाया जा सकता है। आइए, जानें इस बारे में विभिन्न लग्न वाले जातकों के बारे में।

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स्त्री जातक के शारीरिक लक्षण व महत्वपूर्ण

जिस स्त्री के पैर के तलवे चिकने, मुलायम, पुष्ट, लाल पसीने से रहित हों वह स्त्री जीवन में अत्यधिक सुख भोगती है और मान सम्मान व धन की कमी उसके जीवन में नहीं होती। पादतल रेखा जिस स्त्री के तलवे में शंख, चक्र, कमल इत्यादि चिह्न हों, वह स्त्री विशेषकर किसी बड़े राजनेता व बड़े व्यापारी व उच्च अधिकारी की पत्नी होने का गौरव प्राप्त करती है या किसी भी देश की शासिका बन जाती है।

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स्त्री रोगों का ज्योतिष एवं वास्तु द्वारा आकलन

स्त्रियों के रोग, सूर्य आदि ग्रहों के साथ, चंद्रमा से अधिक प्रभावित होते हैं। मासिक धर्म, ल्यूकोरिया, मानसिक चिंताएं, बेचैनी, रक्तचाप आदि रोग स्त्रियों की कुंडली में चंद्रमा की पाप ग्रहों के साथ उपस्थिति, अथवा दृष्टि संबंध की ही उपज हैं। अतः ग्रहों की स्थिति का अध्ययन कर रोगों का उपचार किया जाए, तो अच्छी सफलता मिल सकती है और निरोगी समाज की स्थापना हो सकती है।