प्राचीन भारतीय ऋषि-महर्षियों को जड़ी-बूटियों का पूर्ण ज्ञान था। यह दुर्लभ विद्या
समुद्र मंथन के समय धन्वन्तरी के साथ पैदा हुई। ये वनस्पतियां रोग मुक्ति तो
करती हैं ही, इनका विधि-विधान से प्रयोग करें तो तांत्रिक लाभ भी चमत्कारी ढंग
से लिया जा सकता है जिससे मानव जीवन में समस्याओं से तुरंत मुक्ति मिलती है।
उत्तराखंड सदियों से जड़ी-बूटियों के लिए विख्यात रहा है।
सीताराम त्रिपाठी | 15-Oct-2014
Views: 29946