शुक्र-चंद्रमा की युति सौंदर्यप्रदायकसुंदरता अपने आप में काफी मनमोहक होती है। हर व्यक्ति, हर नर-नारी अपने आप को सुंदर दिखाने की कोशिश करता है और इसके लिए अनेक प्रयास भी करता है।
ओम प्रकाश दार्शनिक | 15-Oct-2015
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शंखों का हिन्दू धर्म संस्कृति में प्राचीनकाल से ही विशेष महत्व रहा हैं। अष्ट-सिद्धियों एवं नव्निधियों में शंख का महत्वपूर्ण स्थान हैं। श्री विष्णु के चार आयुधों में शंख को भी स्थान प्राप्त हैं। शंख पूजन से दरिद्रता निवारण, आर्थिक उन्नति, व्यापारिक वृद्धि और भोतिक सुखों की प्राप्ति होती हैं।
डॉ. अरुण बंसल | 01-Jan-2014
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जन्मस्थान - सौराष्ट्रऋ गोत्र - कश्यपऋ पिता - सूर्यऋ माता - छायाऋ भ्राता - यमऋ बहन - यमुना, ताप्तीऋ वाहन - कौआऋ गुरु - शिव ज्योतिष एक सम्भावनाओं पर आधारित आनुभविक प्रयोगसिद्ध विज्ञान है जिसमें मानव जीवन पर ग्रहों के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। यह सृष्टि अनियमितता से नहीं बल्कि पूर्णतया योजनाबद्ध क्रम से काम करती है जिसे क्रियान्वित करने में ग्रहों की गुरुत्वाकर्षण एवं अज्ञात ब्रह्माण्डीय शक्तियों की मुख्य भूमिका है।
डॉ. अरुण बंसल | 15-Dec-2014
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शनि के जन्म के विषय में एक रोचक कथा है। उनका जन्म पिता सूर्य व माता छाया से हुआ था। सूर्य का विवाह सुवर्णा नामक एक अतिरूपवती कन्या से हुआ। कथा के अनुसार सूर्य अपनी पत्नी को बहुत चाहते थे तथा कभी भी उससे दूर नहीं रहना चाहते थे। किन्तु सूर्य का प्रकाश व तेज इतना अधिक था कि सुवर्णा उसे सहन नहीं कर पाती थी। उसके पास कोई मार्ग नहीं था और वह अपने को कष्ट में महसूस कर रही थी। तभी उसे एक विचार आया तथा उसने अपनी छाया से अपना एक प्रतिरूप तैयार किया तथा उसे सूर्य के पास छोड़कर चली गई।
आभा बंसल | 01-Dec-2013
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शनि का नाम लेते ही मन में डर की भावना उत्पन्न हो जाती है. किसी के साथ कुछ भी अनिष्ट हो जाए, तो शनि को ही उसका कारण बताया जाता है. क्या शनि सच ही भयंकर ग्रह है? आइए, जानते है शनि के बारे में सच्चाई.
आभा बंसल | 01-Aug-2014
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शनि शुभ होने पर निम्न उपाय करें: - नीलम रत्न चांदी की अंगूठी बनवाकर मध्यमा अंगुली में शनिवार के दिन प्रातःकाल धारण करें। - नीले रंग की वस्तुओं का उपयोग करें, जैसे-नीले वस्त्र, चादर, पर्दे आदि। - शनि से संबंधित वस्तुएं जैसे लोहा, चमड़ा, तेल आदि का व्यापार करें और शनि के दिन एवं नक्षत्रों का विशेष तौर पर उपयोग करें।
ओम प्रकाश दार्शनिक | 15-Feb-2017
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एक पौराणिक कथा के अनुसार यह कहा जाता है कि रावण एक बहुत ही विद्वान और भगवान शिव का भक्त था। एक बार की बात है कि रावण ने अपनी तपस्या और भक्ति से सभी ग्रहों को अपने एकादश भाव में स्थित कर लिया था जिससे कि वह हर समय अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर सके तथा सभी ग्रह उसके वश में हो जायें और जब चाहे और जो चाहे उसकी मनमांगी मुराद पूरी हो सके।
विनय गर्ग | 15-Jun-2016
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करियर निर्माण में सभी ग्रहों की अलग-अलग भूमिका है। शनि सभी ग्रहों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है जो व्यावसायिक जीवन में स्थिरता व सुरक्षा प्रदान करता है। शनि के इसी महत्वपूर्ण गुण को उजागर करने हेतु प्रस्तुत है यह लेख जिसमें शनि के करियर में योगदान संबंधी विशेषताओं, शक्तियों तथा प्रभाव के बारे में चर्चा की गयी है।
यशकरन शर्मा | 15-Dec-2014
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26 जनवरी 2017 को सायं 7ः30 बजे शनि वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेंगे। लेकिन ये वक्री होकर पुनः 21 जून को वृश्चिक राशि में आ जाएंगे। तदुपरांत 26 अक्तूबर 2017 को अंतिम रूप से धनु राशि में आ जाएंगे। शनि का धनु राशि का फल तो 26 जनवरी से ही मिलने लग जाएंगे। शनि जब भी राशि परिवर्तन करते हैं तो यह एक चर्चा का विषय बन जाता है क्योंकि ज्योतिष में नौ ग्रहों में शनि का सबसे अधिक महत्व है। इसका कारण इनका बड़ा आकार व मंदगति दोनों ही हैं।
डॉ. अरुण बंसल | 15-Feb-2017
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कुंडली में यदि शनि ग्रह बलशाली हो तो जातक को आवासीय सुख प्रदान करता है। निम्न वर्ग का नेतृत्व प्राप्त होता है। दुर्बल शनि शारीरिक दुर्बलता-शिथिलता, निर्धनता, प्रमाद एवं व्याधि प्रदान करता है- मन्दे पूर्णबले गृहादिसुखृद भिल्लाधिपत्यं भवेन्नयूने विलहरः शरीरकृशता रोगोऽपकीर्तिर्भवेत।।
अमित कुमार राम | 15-Dec-2014
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यदि गोचरीय शनि को मंगल प्रभाव दे रहा हो तो जातक को बुरे वक्त से गुजरना पड़ता है, उसे आलोचना का शिकार होना पड़ता है। यदि शनि पर शुभ ग्रह का प्रभाव हो तो जातक को उसकी ईमानदारी का शानदार इनाम मिलता है। यही वह समय होता है। जब जातक समाज में अपना ऊंचा स्थान पा जाता है।
किशोर घिल्डियाल | 15-Dec-2014
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शनि १५ जुलाई २००७ को २८ बजकर ४५ मिनट पर कर्क से सिंह राशि में प्रवेश कर रहा है और ९ सितम्बर २००९ तक इसी राशि में रहेगा। कर्क राशि में अधिकांशत: शनि ने मानसिक कष्ट एवं तनावयुक्त वातावरण रखा। जिन किन्हीं जातकों की साढ़ेसाती
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