विवाह जातक के जीवन काल की सबसे महत्वपूर्ण स्मरणीय घटना होती है। हमारे भारत देश में लड़के और लड़के के माता-पिता के आपसी संपर्क व सहयोग से धार्मिक व सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह होते हैं। विवाह मानव जीवन में एक अपरिहार्य संस्कार है। विवाह के पश्चात ही एक पुरूष को एक स्त्री के साथ रहने का वैध अधिकार प्राप्त होता है। ब्राह्मणों दैवस्तयैवार्थः प्राजापत्यस्तथासुरः। गान्धर्वो राक्षसश्चैव पैशाचश्चाष्टमोऽधयः।।
राजेंद्र शर्मा ‘राजेश्वर’ | 01-Jan-2014
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