सौर मंडल में नौ ग्रह विद्यमान
हैं जो समस्त ब्रह्मांड, जीव
एवं सभी क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं।
प्रत्येक ग्रह की अपनी विशेषतायंे हैं
जिनमें शनि की भूमिका महत्वपूर्ण
है। शनि को दुःख, अभाव का कारक
ग्रह माना जाता है। जन्म समय में
जो ग्रह बलवान हों उसके कारक
तत्वों की वृद्धि होती है एवं निर्बल
होने पर कमी होती है किंतु शनि
के फल इनके विपरीत हैं। शनि
निर्बल होने पर अधिक दुख देता है
व बलवान होने पर दुख का नाश
करता है।
बाबुलाल शास्त्री | 15-Feb-2017
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