आचार्य वराह मिहिर ने निम्न ग्रह योग में जातक का जन्म शुभ माना है। जब लग्न वर्गोतम नवमांश में हो। सूर्य जिस राशि में स्थित हो, उससे अगली राशि में शुभ ग्रह (बुध, बृहस्पति या शुक्र ) स्थित होकर “वेशि “ योग का निर्माण करें। चारों केंद्र ग्रहों से भरे हों।
फ्यूचर समाचार | 01-Jan-2014
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प्रश्न: ऐसे कौन से ज्योतिषीय योग हैं, जिसके कारण जातक का कार्यक्षेत्र अपने अध्ययन क्षेत्र से अलग हो जाता है? उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
फ्यूचर पाॅइन्ट | 01-Jan-2014
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जन्मकुंडली का नवम भाव त्रिकोण स्थान है, जिसके कारक देवगुरु बृहस्पति हंै। यह भाव शिक्षा में महत्वाकांक्षा और उच्च शिक्षा अर्थात शिक्षा किस स्तर की होगी, को दर्शाता है। यदि इस भाव के नैसर्गिक कारक बृहस्पति का संबंध पंचम भाव से हो जाए, तो उच्च शिक्षा के योग बनते हैं।
अमित कुमार राम | 15-Jan-2017
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कालसर्प योग का फल शुभ है या अशुभ यह निर्भर करता है इसके कारक ग्रह राहु केतु अधिष्ठित राशि के स्वामी ग्रह तथा दशमेश और चतुर्थेश के मध्य बनने वाले योगों पर
जय निरंजन | 01-Jan-2014
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वैवाहिक सुख व कार्य-व्यवसाय के बारे में ज्योतिष द्वारा विश्लेषण करने की विस्तृत विधि: वैवाहिक सुख का विचार सामान्यतः सप्तम व कार्य-व्यवसाय का विचार दशम भाव से किया जाता है। कार्य-व्यवसाय अर्थात् जातक आजीविका में व्यापार करेगा या नौकरी। यह भी दशम भाव, स्वामी, कारक तथा इसमें स्थित ग्रह तथा इन सब पर दृष्टि डालने वाले ग्रहों पर निर्धारित होता है।
फ्यूचर पाॅइन्ट | 15-Jan-2017
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तीन महीने पहले हिमाचल प्रदेश के उना शहर में श्री जिंदल जी के घर का पं। गोपाल शर्मा जी के द्वारा वास्तु निरिक्षण किया गया। श्रीं जिंदल जी ने बताया की जब से इस मकान में रहना शुरू किया है तब से कर्ज के बोझ से दबे हुए है। कारोबार में काफी गिरावट आ गई है,
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काल सर्प दोष क्या है? राहू और केतु के मध्य यदि अन्य सभी ७ ग्रह आ जाएं, तो काल सर्प दोष होता है. यदि राहू सभी ग्रहों को ग्रसित करे, तो उदित रूप से एवं यदि केतु ग्रसित करे, तो अनूदित रूप से योग बनता है. यदि सातों ग्रहों में से
आभा बंसल | 01-Jan-2014
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जब कोई दोष होता है तो उसका निवारण भी होता है। उचित जानकारी न होने के कारण काल सर्प योग से अक्सर लोग परेशान रहते हैं, यहां काल सर्प योग दोष का असर कम करने के लिए कई सुगम उपाय दिए जा रहे हैं जिन्हें आप स्वयं कर सकते हैं ...
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कालसर्प योग के कई दुष्प्रभाव भी पड़ते हैं। - विभिन्न प्रकार के मानसिक और दैहिक कष्ट झेलने पड़ते हैं। - स्वास्थ्य प्रायः बिगड़ा रहता है। - पैतृक संपत्ति जातक के जीवन में ही नष्ट हो जाती है या उसे नहीं मिलती।
सीतेश कुमार पंचोली | 01-Jan-2014
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कुछ जातकों के स्वप्नों का अध्ययन करने पर ज्ञात हुआ कि वे काल सर्प दोष से पीड़ित हैं। तदुपरांत उनकी कुंडलियों को देखने पर पता चला कि उनके सभी ग्रह राहु-केतु के बीच में हैं, अथवा केवल चंद्र या मंगल के बाहर होने के कारण आंशिक काल सर्प दोष है। ये स्वप्न इस प्रकार हैं:
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जनमानस में एक आम धारणा बनी हुई है कि काल सर्प योग व्यक्ति को कष्ट देने वाला एवं परेशानियों में डालने वाला ही होता है लेकिन सर्वथा ऐसा नहीं है। काल सर्प योग वाले व्यक्तियों के जीवन में सांप सीढ़ी की तरह उतार-चढ़ाव तो आते हैं परंतु संघर्षों के बाद वे निश्चित तौर पर सफलता की सीढ़ियां भी चढ़ते जाते हैं। प्रस्तुत आलेख में काल सर्प योग के दोनों पक्षों को सोदाहरण विस्तार दिया गया है ...
गौतम पटेल | 01-Jan-2014
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कालसर्प योग जितना कष्टदायक होता हैं। उतना ही ऐश्वर्य दायक भी होता हैं। निम्नांकित छ: योग जातक के भाग्य निर्णय में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। पहले से सातवें स्थानों में बनने वाला योग, दूसरे से आठवें स्थानों में बनने वाला योग।
जय इंदर मलिक | 01-Jan-2014
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