Kaal Sarp Yoga: काल सर्प योग राहू से केतु के मध्य अन्य सभी ग्रहों के आ जाने से बनाता है। जब राहू से केतु के मध्य अन्य ग्रह होते है,तो उदित और जब केतु से राहू के मध्य होते है।
डॉ. अरुण बंसल | 01-Jan-2014
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शास्त्रों के अनुसार ग्रहण नामक ज्योतिषीय योग अनेक प्रकार से बनता है। इस योग का विस्तृत फल भी प्राप्त होता है क्योंकि यह योग कालसर्प योग की अशुभता को बढ़ा देता है।
सुनील जोशी जुन्नकर | 01-Jan-2014
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काल सर्प योग अपने आपमें एक ऐसा योग है, जो पितृ दोष से संबंधित होता है।
आभा बंसल | 20-Jan-2020
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काल सर्प योग की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान की आवश्यकता होती है। ये अनुष्ठान यदि सिद्ध स्थलों पर ही कराए जाएं तो उपाय शीघ्र प्रभावी होते हैं। देश में कई ऐसे स्थल हैं जिनकी जानकारी आम लोगों को नहीं होती। इस आलेख में काल सर्प योग की शांति के लिए प्रसिद्ध सभी स्थलों की जानकारी देने का प्रयास किया गया है...
नवीन चित्तलांगिया | 01-Jan-2014
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कालसर्प योग की जन्मांग में उपस्थिति मात्र से जनसामान्य के मन में आतंक और भय की भावना उदित हो जाती हैं। कालसर्प योग से पीड़ित जन्मांग वाले जातकों का संपूर्ण जीवन अभाव अनवरत अवरोध, निरंतर असफलता, संतानहीनता, वैवाहिक जीवन में अनेक कष्टों से युक्त हो जाता हैं
राजीव रंजन | 01-Jan-2014
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लाल किताब के अनुसार राहु केतु जिस राशि में हे, उस राशि के स्वामी ग्रह के उपाय करने चाहिए। प्रस्तुत लेख में विभिन्न काल सर्प योगों के उपायों की विधि एवं दान पूजा का वर्णन है।
किशोर घिल्डियाल | 01-Jan-2014
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इस लेख में काल सर्प दोष को शांत करने के लिए कुछ सामान्य उपायों का वर्णन है जो कि काल सर्प दोष को शांत करने में काफी प्रभावशाली है।
शुभेष शर्मन | 01-Jan-2014
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राहु -केतु की प्रथम (लग्न भाव) से लेकर द्वादश भाव तक स्थिति के अनुसार १२ प्रकार के कालसर्प दोष देखने में आते हैं। जिनका फल भी भिन्न-भिन्न होता हैं तथा भावों के अनुसार बनने वाले कालसर्प दोष की शान्ति के उपाय भी पृथक पृथक ही करने चाहिए।
रश्मि चैधरी | 01-Jan-2014
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कालसर्प का संबंध पितृ दोष से है। इस योग से प्रभावित व्यक्ति का जीवन तनावपूर्ण और संघर्षमय रहता है। उसके कार्यों में बाधाएं आती रहती हैं। उसके विवाह और विवाहित होने की स्थिति में संतानोत्पत्ति में विलंब होता है। इसके अतिरिक्त शिक्षा में बाधा, दाम्पत्य जीवन कलह, मानसिक अशांति, रोग, धनाभाव, प्रगति में रुकावट आदि की संभावना रहती है। कुंडली के जिस भाव से कालसर्प की सृष्टि होती है, उस भाव से संबंधित कष्टों की प्रबल संभावना रहती है। ज्योतिष की अन्य विधाओं की भांति लाल किताब में भी कालसर्प दोष के शमन के कुछ उपाय बताए गए हैं जिनका भावानुसार संक्षिप्त विवरण यहां प्रस्तुत है।
फ्यूचर पाॅइन्ट | 01-Jan-2014
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कालसर्प का संबंध पितृ दोष से है। इस योग से प्रभावित व्यक्ति का जीवन तनावपूर्ण और संघर्षमय रहता है। उसके कार्यों में बाधाएं आती रहती हैं। उसके विवाह और विवाहित होने की स्थिति में संतानोत्पत्ति में विलंब होता है। इसके अतिरिक्त शिक्षा में बाधा, दाम्पत्य जीवन कलह, मानसिक अशांति, रोग, धनाभाव, प्रगति में रुकावट आदि की संभावना रहती है।
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कालसर्प दोष निदान के लिए शास्त्रानुसार आठ प्रकार के मंत्रों का जप करना जरूरी होता है। प्रस्तुत लेख १२ प्रकार के काल सर्प दोष उदित तथा अनुदित, इस दोष के कारण एवं निवारण का वर्णन करता है।
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काल सर्प योग में उत्पन्न जातक को मानसिक अशांति, धनप्राप्ति में बाधा, संतान अवरोध एवं गृहस्थी में प्रतिपल कलह के रूप में प्रकट होता है।
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