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किस्मत और कर्म का कनेक्शन

रोजाना, हम अलग-अलग प्रकार के जुमले सुनते रहते हैं कि ‘‘उसकी किस्मत बहुत अच्छी थी इसलिये वह इतना बड़ा आदमी बन पाया’’,‘‘मेरी तो किस्मत में सुख लिखा ही नहीं है”, “वह तो बदकिस्मत है’’, “जो किस्मत में लिखा होगा, वह तो मिलेगा ही फिर मेहनत करने की क्या आवश्यकता है?’’ आदि।

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कौन बनेगा अमेरिका का राष्ट्रपति?

अमेरिका के राष्ट्रपति माननीय श्री बराक हुसैन ओबामा का कार्यकाल जनवरी 2017 में समाप्त हो जाएगा। जैसे-जैसे 8 नवंबर 2016 का दिन समीप आ रहा है वैसे-वैसे न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में ही, बल्कि संपूर्ण विश्व में लोगों की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है। क्या डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन अमेरिका की राष्ट्रपति बन पाएंगी या रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 58वें राष्ट्रपति होंगे? वत्र्तमान में एक ध्रुवीय विश्व राजनीति में यह पद अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है। इस पद पर आसीन व्यक्ति न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका का भाग्य विधाता या नियंता होता है, बल्कि वह विश्व शांति, सद्भावना, न्याय, वैश्विक स्तर पर राष्ट्रों के सामूहिक मुद्दों, पारस्परिक विवादों को प्रभावित करने की क्षमता भी रखता है, इसलिए इस चुनाव पर विश्व समुदाय एवं राष्ट्राध्यक्षों की भी पैनी नजर है।

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कौन बनेगा प्रधानमंत्री?

देष षाष्वत है परन्तु षासक आते जाते रहते हैं। यदि हम पिछले 5000 वर्ष पहले के इतिहास को देखें तो जानेंगे कि विषाल आर्यावर्त अर्थात विषाल भारतवर्ष, जिसके अंग कई आधुनिक देष हुआ करते थे अब सिमट कर आधुनिक भारत के नाम से जाना जाता है। इन वर्षों के दौरान यदि हम उन षासकों को याद करने की कोषिष करें जिन्होंनेे अपनी पूरी क्षमता के साथ षासन किया था तो हमें कुछ गिनती के नाम ही याद आएंगे। पिछले 2500 वर्षों में अगर हम षासकांे को याद करने की कोषिष करंे तो दो ही षासक हमारे मस्तिष्क में उभर कर आते हंै एक सम्राट अषोक और दूसरा मुगल सम्राट अकबर।

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खेलों में करियर

खेल जगत में सफलता जातक की शारीरिक क्षमताओं, साहस तथा विषम व दबाव की परिस्थितियों में जीतने की योग्यताओं को दर्शाने वाले तृतीय भाव, छठे भाव, मंगल, बुध व राहु पर निर्भर करती है क्योंकि श्रेष्ठ खिलाड़ी योग के निर्माण में इन्हीं ग्रहों व भावों का महत्व सर्वोपरि है। बलवान तृतीय भाव से जातक बल और पराक्रम से युक्त होता है। बली तृतीय भाव वाला जातक खेल जगत के लिए आवश्यक शारीरिक क्षमताओं से युक्त होता है।

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खाने में किसके साथ क्या खाएं क्या न खाएं

अक्सर संतुलित आहार की बात होती है लेकिन इसके अतिरिक्त यह जानना भी आवश्यक है कि किस चीज को किसके साथ खाएं या किसको किसके साथ न खाएं। हम खाने में एक साथ कई चीजें खाना पसंद करते हैं। लेकिन एक ही समय कुछ चीजों को एक साथ खाना हानिकारक हो सकता है। इसलिए यह जान लेना आवश्यक है कि अच्छा और बुरा खाना क्या है?

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गठिया: संधिवात या जोडों का दर्द

जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों को दैनिक काम-काज करने में बहुत समस्या आती है। जिन रोगों में यह दर्द, लक्षण, रूप मिलता है इनमें से एक है संधिगत वात। जोड़ों के इस विकार में वायु ही मुख्य कारण होता है। आयुर्वेद के अनुसार हड्डी और जोड़ों में वायु का निवास होता है। वायु के असंतुलन से जोड़ भी प्रभावित होते हैं। अतः वायु गड़बड़ा जाने से जोड़ांे में दर्द होता है।