कुंडली में राहु केतु के एक ओर सारे ग्रह आने पर काल सर्प दोष बनाता है उसी प्रकार हाथ से भी राहु केतु की स्थिति को देखकर उनके बुरे प्रभावों का आकलन कैसे किया जाए आइए जानें इस लेख द्वारा
बी. आर. अग्रवाल | 01-Jan-2014
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कालसर्प योग राहु और केतु की धुरी के एक और सभी ग्रहों के आ जाने से बनता हैं। यदि राहु के मुख में सभी ग्रह आ रहे हैं। तो उसे उदित योग की संज्ञा दी गई हैं। और यदि दूसरी और हो तो अनुदित योग कहा जाता हैं।
डॉ. अरुण बंसल | 01-Jan-2014
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कुंडली में कालसर्प दोष सर्वथा जीवन में एक नकारात्मकता का द्योतक है। झगड़े, विवाद, शारीरिक पीड़ा, पुराने खंडहरों आदि के गिरने, मृत्यु की आशंका तथा पूर्व पूर्वजों को देखना इस स्थिति को स्पष्ट करते हैं। इस दोष के निवारण हेतु कुछ उपायों का विवरण इस प्रकार से है-
सुल्तान फैज ‘टिपू’ | 01-Jan-2014
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जिस प्रकार पृथ्वी पर सूर्य चंद्र ग्रहण का दीर्घकालीन प्रभाव सभी चल अचल पर समान रूप से होता है उसी प्रकार से जन्मकुंडली में ग्रह दोष होने पर उसका भला बुरा प्रभाव जातक पर होता ही है। हमारे पूर्वाचार्यों ने कालसर्प शांति का क्या विधान बताया है पढिए इस संदर्भ में एक चर्चा कालसर्पयोग एक अध्ययन
महेश चंद्र भट्ट | 01-Jan-2014
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कालसर्प शांति पूजा विधान का वर्णन हमारे पूर्वाचार्यों ने कई जगहों पर किया है। महाराष्ट्र के नासिक में त्रयंबकेश्वर में यह विधि, विधान करवाना उचित तथा शास्त्र सम्मत है।
महेशनन्द शर्मा | 01-Jan-2014
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लग्न से गणना करने पर यदि केतु पहले आए तो इसे काल अमृत या शुभ योग जानना चाहिए। लग्न या लनेश से शुभ ग्रह का संबंध भी कालसर्प योग को भंग करता है।
आर. के. शर्मा | 01-Jan-2014
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काला जादू जिसे अभिचार (Abhichara) के नाम से भी जाना जाता है, जोकि विष्व के विभिन्न स्थानों में कई रूपों में प्रचलित है, इसके द्वारा नकारात्मक शक्तियों को जागृत किया जाता है। काला जादू का मुख्य ध्येय शत्रु को उस स्थान से भगाना, उसे मार देना या पागल कर देना होता है।
अंजना अग्रवाल | 01-Jan-2014
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रत्नों की कार्य पद्धति पर अनेक विचार प्रकट किए जाते हैं। हर रत्न का रंग एवं गुण दोनों एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते हंै। ये कार्य भी अलग-अलग करते हैं। कुछ रत्न जल्दी असर दिखाना शुरू कर देते हैं तो कुछ धीरे-धीरे।
सचिन मल्होत्रा | 01-Jan-2014
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‘रत्न’ यानि ‘श्रेष्ठ’ अर्थात जिसमें श्रेष्ठता हो उसे रत्न कहते हैं। समाज में भी श्रेष्ठ व्यक्तियों को ‘रत्न’ जैसी उपाधियों से नवाजा जाता रहा है जैसे कि श्रेष्ठ खिलाड़ी के लिये ख्ेाल रत्न पुरस्कार, विद्वान ज्योतिषी के लिये ज्योतिष रत्न, उत्कृष्ट कलाकार के लिये कला रत्न, देश का नाम रोशन करने वाले के लिये भारत रत्न आदि।
संजय बुद्धिराजा | 15-Jul-2016
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मेष एवं वृश्चिक राशि वालों को जिनकी राशि का स्वामी मंगल है मां भगवती भुंवनेश्वरी देवी की आराधना पूजा करना सुख व फलदायक है।
बाबुलाल शास्त्री | 01-Jan-2014
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कौन ग्रह तथा किस तरह के विषेष ग्रह योगों से और किस व्यापार से लाभ होगा। इस लेख में इस विषय पर संक्षेप में बड़ी उपयोगी और सटीक जानकारी दी गई है।
हरिश्चंद्र त्रिपाठी | 01-Jan-2014
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भारत देश के दो प्रमुख राजनैतिक दल हैं जो देश में 2014 के लोक सभा चुनाव में मुख्य भूमिका निभायेंगे। ये दल हं-1 कांग्रेस 2. भारतीय जनता पार्टी। कांग्रेस व भाजपा अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ गठजोड़ कर चुनाव लड़कर सरकार बनाते हैं। 2014 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा की क्या स्थिति रहेगी अर्थात कांग्रेस को कितनी सीटें मिलने की संभावना है तथा भाजपा को कितनी सीटें मिल सकती हैं, यह जानने की कोशिश हम कांग्रेस तथा भाजपा की जन्म कुंडली से करेंगे।
नीरज पाण्डे ‘दादा’ | 01-Jan-2014
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