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वक्री ग्रहों प्रभाव

प्रश्न: वक्री ग्रहों का क्या प्रभाव होता है? ग्रहों के उच्च, नीच, शुभ, अशुभ, स्तंभित या अस्त होने की स्थिति में वक्री होने पर उनके प्रभाव में क्या अंतर आता है? ग्रह वक्री कैसे होते हैं? हम मान लें कि पृथ्वी स्थिर है। बुध अपनी चाल से भचक्र का चित्र में दिखाए तीर के निशान की दिशा में चक्कर काट रहा है।

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वक्री शनि की वृश्चिक राशि में वापसी

शनि ने 26 जनवरी 2017 को सायं काल 7ः 30 मिनट पर वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश किया और 6 अप्रैल को 10ः36 मिनट पर धनु राशि में वक्री हो गये । पुनः शनि 21 जून को सायंकाल 4ः39 बजे वृश्चिक राशि में वापस आ जायेंगे और तत्पश्चात 26 अक्तूबर 2017 को सायंकाल 15ः28 तक इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद धनु राशि में पुनः प्रवेश करेंगे और अगले सवा 2 साल अर्थात 24 जनवरी 2020 तक इसी राशि में रहेंगे।

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वेद विज्ञान पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

22-23 जुलाई 2006, हिंदू समाज, बैंकाक, थाइलैंड 30 जुलाई 2006, खालसा आॅडिटोरियम, सिंगापुर भारत आदिकाल से वेदों के लिए विश्व में प्रख्यात रहा है। वैदिक युग में भारत में विज्ञान अपने चरमोत्कर्ष पर था, किंतु महाभारत युद्ध के पश्चात सब कुछ नष्ट हो गया और विज्ञान पूर्णतः लुप्त हो गया। ज्योतिष विज्ञान एवं आयुर्वेद भी उस समय अपने चरर्मोत्कर्ष पर थे।