मूलांक व्यक्ति के जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं। आइए, जानें कि विभिन्न मूलांक वालों को किन रोगों के आक्रमण हो सकते हैं तथा उनसे बचाव के क्या उपाय हैं ।
कुमार गणेश | 01-Jan-2014
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अंकषास्त्र में 11, 22, 33 एवं 44 को मास्टर अंक की संज्ञा दी गई है। मास्टर अंक किसी अंक का साधारणतया अतिषय ;मगजतमउमद्ध रूप है जोकि वास्तव में एकल अंक को प्रदर्षित करते हैं।
अंजना अग्रवाल | 15-Jul-2015
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वर्तमान समय में शुद्ध एवं दोषमुक्त रत्न बहुत कीमती हो चले हैं, जिससे वे जनसाधारण की पहुंच से बाहर है। अतः विकल्प के रूप में रूद्राक्ष धारण एक सरल एवं सस्ता उपाय है। ग्रह राशि नक्षत्र के अनुसार रूद्राक्ष धारण का संक्षिप्त विवरण यहां प्रस्तुत है।
नवीन चित्तलांगिया | 01-Jan-2014
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लियोपाम के द्वारा ज्योतिषीय गणना के साथ साथ अंक गणना के परिणाम भी सरलता से प्राप्त किए जा सकते हैं। लियो पाम के प्रयोगकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी।
विनय गर्ग | 01-Jan-2014
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लोशु चक्र अंक ज्योतिष का चक्र है, जिससे जातक के जीवन में वांछनीय बदलाव कर लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। आइए जानें लोशु ग्रिड क्या है और उसका उपयोग कैसे करें ?
किशोर घिल्डियाल | 01-Jan-2014
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लगभग ४००० वर्ष पहले चीन के राजा हसिया वू नदी के किनारे विचारमग्न अवथा में उस बाढ को रोकने की विधि खोज रहा था जो बार-बार अपने प्रकोप से जनता को कष्ट देती थी। एक बार राजा हसिया को उस नदी में एक कछुए का कवच मिला जिसके ऊपर कुछ सफेद और
विनय सिंघल | 01-Jan-2014
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हमारे ऋषि मुनियों ने मेदिनीय ज्योतिष के द्वारा किसी भी देश की जलवायु, फसल और वर्षा आदि के विचार को सरलता एवं सूक्ष्मता से बताने का प्रयास किया है।
शरद त्रिपाठी | 01-Jan-2014
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वास्तुशास्त्र में अंकों एवं ग्रहों का महत्वपूर्ण स्थान है। कौन सा अंक किस ग्रह से जुड़ा है व आपके नाम के शब्द के साथ कौन सा अंक जुड़ा है इसके आधार पर आप अपना मकान, प्लाट, जगह का निर्धारण करें तो आपके लिए फलदायक होगा।
महेश चंद्र भट्ट | 01-Jan-2014
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अंकशास्त्र मेलापक में मूलांक, भाग्यांक और नामांक के आधार पर चमत्कारी मिलान किया जा सकता है। इसमें अंक मैत्री तालिका बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
सुल्तान फैज ‘टिपू’ | 01-Jan-2014
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पाइथागोरियन अंक ज्योतिष में बहुत सारे विशिष्ट एवं सामान्य अंक होते है। जो जन्मोपरांत हमारे भाग्य, जीवन में घटने वाली विभिन्न घटनाओं तथा हमारी चारित्रिक विशेषताओं को निर्धारित एवं संचालित करते है।
मनोज कुमार | 01-Jan-2014
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पिछले अंक में महत्वपूर्ण विशिष्ट अंकों की गणना की विधि की चर्चा की गई तथा उनकी व्याख्या किस प्रकार की जाती है, उदाहरण के द्वारा समझाया गया। इसी कड़ी में इस अंक में एक और महत्वपूर्ण विशिष्ट अंक परिघटना अंक की गणना की विधि तथा उनकी व्याख्या आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
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पिछले दो अंकों में महत्वपूर्ण विशिष्ट अंकों की गणना की विधि एवं उनकी व्याख्या की विधि की सविस्तार चर्चा की गई। इस अंक में भी पाइथागोरियन अंक ज्योतिष में अति विशिष्ट श्रेणी में माने जाने वाले अंकों की गणना की विधि एवं उनकी व्याख्या प्रस्तुत की जा रही है। इस अंक में हम मुख्ययतया व्यक्तित्व अंक, कलश अंक एवं चुनौती अंक की चर्चा कर रहे हैं। सर्वविदित है कि अंक हमारे जीवन में अति महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं तथा हमारे आसन्न भविष्य की रूपरेखा तय करते हैं। अतः जरूरत है कि हम अंकों की भाषा को समझें तथा उनके निर्देश से अपने जीवन को सही दिशा प्रदान करें।
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