For Any Query About Software
Call: +91-9773650380(Anil)

All Articles

Read Articles in English
futurepoint-articles

कर्मफल हेतुर्भू

‘प्रत्येक क्रिया की एक समान एवं विपरीत प्रतिक्रिया होती है।’ न्यूटन की इसी सर्वकालिक अवधारणा से कर्म का सिद्धांत भी ओत-प्रोत है। हमारे हर कृत्य एवं हर सोच से कारण अथवा हेतु का निर्माण होता है और कुछ समय उपरांत उस कारण अथवा हेतु के परिणाम का प्रकटीकरण होता है। कारण एवं फल के इसी चक्रीय सिद्धांत से संसार एवं जन्म तथा पुनर्जन्म की अवधारणा अस्तित्व में आई। मनुष्य अथवा जीवात्मा ही हेतु है जिसके सकारात्मक अथवा नकारात्मक कृत्यों से कर्म की अवधारणा प्रस्फुटित होती है। इस लेख में हम कर्म के इसी अवधारणा को समझने का प्रयास पाइथागोरियन अंक ज्योतिष के माध्यम से करेंगे।

futurepoint-articles

कैसे करें अंक ज्योतिष का प्रयोग?

अंक विज्ञान ज्योतिष की ही एक शाखा है। क्योंकि प्रत्येक अंक किसी न किसी ग्रह से अभिभूत होता है। बड़े फिल्मी सितारे और सफलतम हस्तियां भी अंक विज्ञान के प्रभाव से अछूती नहीं है। ज्योतिष एवं अंक शास्त्र को संयुक्त कर किस तरह से लाभ प्राप्त किया जा सकता है इसका उल्लेख यहां पर प्रस्तुत है।

futurepoint-articles

कैसा हो आपका नाम,मोबाईल नंबर व गाड़ी आपके लिए शुभ

आज के इस आधुनिक युग में लगभग हर व्यक्ति मोबाईल, गाड़ी का प्रयोग कर रहा है। मोबाईल और गाड़ी के नंबर में यदि हम अंक शास्त्र के सिद्धांत का उपयोग करें और उन नंबरों का चयन अपने मूलांक के अनुरूप करें तो यह स्थिति व्यक्ति के लिए लाभकारी हो सकती है। इस लेख में पढ़िए कैसे मोबाईल एवं गाड़ी के लिए शुभ एवं लाभकारी नंबर का चयन करें...

futurepoint-articles

गरिमा अंक शास्त्र की

आकाश में नौ ग्रहों के मध्य ही विश्व का समस्त रहस्य छिपा हुआ है। मानव स्वभाव एवं व्यवहार को इन्हीं नौ ग्रहों ने प्रभावित कर रखा है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी ग्रह में उत्पन्न होता है और उससे प्रभावित रहता है। मानव की इसी प्रभावित दशा का विज्ञान ही अंक विज्ञान है।’’