विश्व के प्राचीन साहित्य, पूर्व व वर्तमान की परंपराओं के इतिहास की ओर देखें तो पता चलता है कि अंक शास्त्र की विद्या पूरे विश्व तक फैली ही नहीं बल्कि इसमें आपसी तौर पर परंपरागत समानताएं भी पाई गई है। प्रस्तुत है अंक शास्त्र के सूत्र और उनमें मैत्री संबंध।
सुल्तान फैज ‘टिपू’ | 01-Jan-2014
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