रिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती है, फिर चाहे वह पति-पत्नी हों, सास-बहू हों, पिता पुत्र हों या फिर भाई-भाई, इनके बीच कभी न कभी आपस में टकराव हो ही जाता है। यदि बात नोकझोंक तक सीमित रहे तो ठीक लेकिन यदि कलह का रूप लेने लगे तो पारिवारिक वातावरण तनावपूर्ण हो जाता है। इस आलेख में अनेक प्रकार की समस्याओं के निदान एवं गृह कलह निवारण के अनुभूत उपाय दिए जा रहे हैं...
प्रवीण सोनी | 01-Jan-2014
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गृह कलह की कोई न कोई वजह जरुर होती है जिसे पति – पत्नी के तनाव का मुख्य कारण उनके घरवालों को लेकर उत्पन्न कलह होती है। कलह के कारण कई बार तो दाम्पत्य जीवन में तनाव इतना बढ़ जाता है की तलाक तक की नौबत आ जाती है।
प्रवीन जोशी | 01-Jan-2014
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क्या किसी व्यक्ति विशेष के गृह वास्तु से उसकी आर्थिक, पारिवारिक, समृद्धि, स्वास्थ्य, भौतिक संरचना, मानसिक स्थिति, कार्य क्षेत्र तथा संतान सुख आदि के बारे में जाना जा सकता है?
फ्यूचर पाॅइन्ट | 15-Aug-2015
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आधुनिक युग में सुंदर व सुसज्जित आवास की चाहत सभी को होती है। परंतु सभी की यह अभिलाषा पूर्ण नहीं हो पाती। जन्म कुंडली में स्थित ग्रहों की स्थिति इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार होती है, प्रस्तुत है गृह सुख एवं गृह बाधा देने वाले योगों की जानकारी...
फ्यूचर पाॅइन्ट | 01-Jan-2014
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गोचर का विश्लेषण करने के लिए चंद्र लग्न एवं अन्य ग्रहों का किस प्रकार प्रयोग करना चाहिए, इससे संबंधित नियमों का विस्तृत रूप से उदाहरण सहित वर्णन करें।
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गर्मी के मौसम में खुद को बचाने के लिए हम महिलाएं क्या-क्या नहीं करतीं।
तन्वी बंसल | 01-Jan-2014
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भगवान बुद्ध संसार के महानतम व्यक्ति हुए। हर ज्योतिर्विद यह जानने की इच्छा रखता है कि कैसी रही होगी उनकी जन्म कुंडली। आइए, जानें ...
यशकरन शर्मा | 01-Jan-2014
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‘‘बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघ शरणं गच्छामि, उपर्युक्त दीक्षा मंत्र ग्रहण करके कोई भी बिना किसी भेद भाव के बुद्ध की शरण प्राप्त कर सकता था। किंतु भिक्षु संघ में प्रवेश हेतु केवल यह दीक्षा मंत्र ही पर्याप्त नहीं था। आगे की साधना भी अनिवार्य थी।
शरद त्रिपाठी | 15-Jan-2016
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यदि कुंडली का ध्यायन ज्योतिषीय नियमों के आधार पर किया जाए, तो ज्योतिष से जातक के जीवन में होने वाले हर घटना के समय को जाना जा सकता है। घटना के समय को जानने के लिए इन बिंदुओं पर ध्यान दें। घटना का संबंध किस भाव से है, भाव का कारक
फ्यूचर समाचार | 01-Jan-2014
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प्रश्न: जातक को अपना घर कब प्राप्त होता है, ज्योतिषीय योग, दशा और गोचर को निम्न कुंडली पर प्रयोग करते हुए अपने नियमों को प्रतिपादित करें। जातक का घर स्वर्जित होगा या पैतृक यह भी स्पष्ट करें।
फ्यूचर पाॅइन्ट | 15-Feb-2016
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हर ग्रह के कारक घर, स्थायी घर, उच्च-नीच घर आदि निश्चित हैं। फिर भले ही वह ग्रह ‘अतिथि’ बने या किरायेदार! ग्रह का समय पूरा होने पर ग्रहरूपी दीया बुझ जाएगा। हर ग्रह उसकी अपनी राशि में, भले ही वह राशि अन्य ग्रह की कारक क्यों न हो, शुभ फल ही देगा।
फ्यूचर पाॅइन्ट | 15-Oct-2015
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प्रश्न: चक्र कितने प्रकार के होते हैं? सुदर्शन चक्र, नर चक्र, षन्नाड़ी चक्र आदि विभिन्न प्रकार के चक्रों का विवरण देते हुए उनके उपयोग सहित महत्व पर प्रकाश डालिए।
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