For Any Query About Software
Call: +91-9773650380(Anil)

All Articles

Read Articles in English
futurepoint-articles

ग्रहों के अशुभ प्रभाव देते है ह्रदय विकार

ह्रदय प्राणियों का वह महत्वपूर्ण अंग है। जिसके माध्यम से जीवनी शक्ति का संचार पूरे शरीर में होता है। शिराएं अनुपयुक्त रक्त लेकर ह्रदय मने आती हैं और ह्रदय उस रक्त को शुद्ध कर उसे संवेद के साथ धमनियों के द्वारा शरीर के प्रत्येक अंग मे भेजता है और

futurepoint-articles

ग्रहों के दुष्प्रभावों का शमन

ग्रह मानवीय जीवन पर अपना भला या बुरा प्रभाव डालते हैं... ग्रहों का भला-बुरा परिणाम होता है कि नहीं- यह विवाद का विषय नहीं बल्कि अनुभव करने की बात है। लाल किताब का मूल उद्देश्य यह है कि सामान्य से सामान्य आदमी अपनी जन्मकुंडली के अनिष्ट ग्रहों के परिणामों को दूर करके सुखी जीवन जी सके। लाल किताब ने कभी भी ग्रह परिधान का उपाय नहीं बताया है और न ही खर्चेवाले धार्मिक कर्मकांडों की वकालत की है। यही कारण है कि इस किताब में हर संदर्भ में जहा-तहां उपाय बताए गए हैं। यहां कुछ अनुभव सिद्ध और विशिष्ट उपाय पाठकों के लाभार्थ दिए जा रहे हैं।

futurepoint-articles

ग्रहों का उदय और अस्त

इस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अंतर्गत तीर्थराज कैलाश मानसरोवर का रोचक वर्णन किया गया है।

futurepoint-articles

ग्रहों का राशि परिवर्तन किस राशि के लिए कैसा ?

12 सितंबर को गुरु कन्या राशि से तुला राशि में आये हैं और राहु (स्पष्ट) ने 9 सितंबर को सिंह से कर्क राशि में प्रवेश किया है। 2017 में शनि 26 जनवरी को वृश्चिक से धनु में आये थे। 6 अप्रैल को शनि धनु राशि में वक्री हुए। पुनः 21 जून को वृश्चिक राशि में आए और 25 अगस्त को वृश्चिक राशि में मार्गी हुए तत्पश्चात 26 अक्तूबर को पुनः धनु राशि में जाएंगे। इस प्रकार सभी दीर्घकालिक ग्रहों का राशि परिवर्तन हुआ। इसके कारण अधिकांश लोगों के जीवन में यह वर्ष काफी बदलाव और उथल-पुथल का रहा। 16 सितंबर 2017 से कालसर्प दोष भी भचक्र में स्थापित हो जाएगा जो कि 6 फरवरी 2018 तक रहेगा। आने वाले वर्ष में ग्रहों की स्थिरता रहेगी जिसके परिणामस्वरूप लोगों को कम कष्टों का सामना करना पड़ेगा। 20 अक्तूबर 2017 से कार्तिकादि नववर्ष शुरू हो रहा है। आइये जानें कि बदलते ग्रहों का प्रभाव और यह नववर्ष संवत् 2074 विभिन्न राशियों के लिए कैसा रहेगा?

futurepoint-articles

ग्रहों की पंचायत का फल और उपाय

ग्रहों की पंचायत भी लाल किताब ने चुनी है। उच्चतम पंचायत वह मानी जाती है जिसमें बुध का समावेश न हो लेकिन राहु-केतु में से एक का समावेश अवश्य हो। अगर स्त्री या पुरुष (पापी ग्रहों) की पंचायत हो तो जातक अधिकारी, भाग्य का धनी, संतान सुख से परिपूर्ण, वैवाहिक जीवन में सुखी और दीर्घायु होता है

futurepoint-articles

ग्रहों पर राशियों का प्रभाव

ग्रहों के स्वभावानुसार उनके बलाबल को निश्चित करने में ग्रहों द्वारा अधिष्ठित राशि बहुत महत्व रखती है। दूसरे शब्दों में ग्रहों की कार्य प्रणाली, ग्रहों द्वारा अधिष्ठित राशि के तत्वों, राशि कार्य की रीति या ढंग तथा राशि की ध्रुवता पर निर्भर होती है। ग्रह तो केवल विशेष प्रकार के ऊर्जा पुंज हैं। इन ऊर्जा पुंजों को गति, अभिव्यक्ति व क्रियाशीलता तो उनके द्वारा अधिष्ठित राशियों के गुण धर्मों के अनुरूप ही होती है।

futurepoint-articles

ग्लोकोमा-अंधापन देने वाला नेत्र रोग

ग्लोकोमा आंखों का रोग है, जिसकी आंखों की रोशनी समाप्त हो जाती है। काल पुरुष की कुंडली में द्वितीय भाव व द्वादश भाव दायीं व बायीं आंखों के स्थान हैं। अगर यह दोनों पाप प्रभाव में आ जाएं या द्वितीय या द्वादश भाव दुष्प्रभाव में आ जाएं तो यह रोग हो जाता है।