कहते हैं रिश्ते ऊपर वाला बनाता है। मानवीय प्रयास तो केवल औपचारिकता मात्र ही होते हैं। कई बार रिश्तों में ऐसी कड़वाहट आ जाती है कि इन्सान चाह कर भी कुछ नहीं कर पाता।
आभा बंसल | 01-Jan-2014
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विश्वव्यापी बहाई समुदाय इस कार्य में तल्लीन है कि किस प्रकार सभ्यता निर्माण की प्रक्रिया में यह अपना योगदान दे सके। यह दो प्रकार के योगदान को महत्व दे रहा है। पहले प्रकार का योगदान बहाई समुदाय के विकास और उन्नति से सम्बन्धित है और दूसरा इसकी समाज में सहभागिता से। पहले प्रकार के योगदान के सन्दर्भ में यह कहा जा सकता है कि बहाई पूरे संसार में निरहंकारी वातावरण में एक ऐसी कार्यप्रणाली व समरूपी प्रषासनिक ढांचों की स्थापना के लिए प्रयासरत है
यशकरन शर्मा | 01-Jan-2014
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हिंदू संस्कृति में पंचांग का अपना विशेष महत्व है। जीवन के विभिन्न संस्कारों, यात्राओं, किसी कार्य के आरंभ आदि में पंचांग की सहायता ली जाती है। उद्देश्य केवल एक होता है
दार्शनेय लोकेश | 01-Jan-2014
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मानव का मस्तिष्क कम्प्यूटर के सी.पी.यू. की तरह कार्य करता है
आभा बंसल | 17-Jan-2020
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‘एडस' एक लाइलाज बीमारी है जो विश्व के लिए एक चुनौती बनी हुई है। चिकित्सा विज्ञान को अभी तक इस बीमारी पर सफलता प्राप्त नहीं हुई है। आइए प्रस्तुत लेख द्वारा एडस के लक्षण, निदान, विभिन्न लग्नों में एड्स रोग की संभावना और उनके कारणों की जानकारी प्राप्त करें-
अविनाश सिंह | 01-Jan-2014
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इतिहास का खौफनाक, रोंगटे खड़े कर देने वाला खलनायक जिसे प्रचलित भाषा में हम ‘हिटलर’ के नाम से जानते हैं प्रतीक है सत्ता पर काबिज लोगों की दमनकारी फितरत और तानाशाही का। जी हां हम बात कर रहे हैं एडोल्फ हिटलर की जिसके मन में यहूदियों के लिए दरिंदों से भी अधिक दहशत थी।
शरद त्रिपाठी | 15-Sep-2015
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फ्यूचर समाचार के पिछले अंक में जन्मतिथि के अनुसार तत्व ज्ञात करना बताया गया। जिस व्यक्ति का जो तत्व होता है उस तत्व की ही उसके जीवन में प्रधानता होती है। इन पंचतत्वों में से कुछ आपस में मित्र होते हैं तो कुछ शत्रु अथवा सम। अतः जीवनसाथी के चुनाव में भी यदि हम अपने तत्व से मित्रता का संबंध रखने वाले तत्व के जीवनसाथी का चयन करें तो निश्चय ही आपस में काफी प्रेम, सौहार्द एवं सहयोग, साहचर्य रहेगा तथा दोनों मिलकर प्रेमपूर्वक गृहस्थी की गाड़ी चलाने में सक्षम होंगे। यदि दोनों साथियों के तत्वों में अनुकूलता नहीं होगी तो ऐसी स्थिति में आपसी तनाव, संघर्ष, झगड़े, अलगाव एवं तलाक की नौबत आना अवश्यंभावी है। पंचतत्वों की सहायता से सही जवीनसाथी का चुनाव काफी उपयोगी पद्धति है तथा अनुकूलता देखकर संबंध बनाना सफल दांपत्य जीवन का द्योतक है।
सीताराम सिंह | 01-Jan-2014
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आज हम बात कर रहे हैं, धर्म गुरु ओशो की। कहने को तो वे धर्मगुरु थे लेकिन उन्होंने अपना कोई मंदिर नहीं बनवाया और न ही किसी को अपनी पूजा करने दी। ऐसे व्यक्ति कई सदियों के बाद जन्म लेते हैं। ओशो के जीवन की कहानी ऐसी क्यों रही इसके पीछे ज्योतिषीय कारण क्या थे इसकी चर्चा हम इस लेख में करेंगे।
शरद त्रिपाठी | 15-Nov-2016
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छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है।
संत बाबा फतह सिंह | 15-Jan-2016
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संत बाबा फतह सिंह | 15-Sep-2016
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संत बाबा फतह सिंह | 15-Aug-2016
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संत बाबा फतह सिंह | 15-Feb-2016
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